गांगुली, द्रविड़, कुंबले ने कभी विश्व कप नहीं जीता, सचिन ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता, कोहली के बचाव में उतरे शास्त्री

विराट कोहली 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी।

By भाषा | Published: January 25, 2022 01:29 PM2022-01-25T13:29:07+5:302022-01-25T13:34:31+5:30

Ravi Shastri rescue Virat Kohli Sourav Ganguly, Rahul Dravid, Anil Kumble never won World Cup Sachin Tendulkar won after playing six World Cups | गांगुली, द्रविड़, कुंबले ने कभी विश्व कप नहीं जीता, सचिन ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता, कोहली के बचाव में उतरे शास्त्री

सचिन तेंदुलकर ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता।

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Highlightsकई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता।सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे।हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं।

मस्कटः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री का मानना है कि दक्षिण अफ्रीका की कमजोर टीम से टेस्ट और वनडे सीरीज हारने के बावजूद घबराने की जरूरत नहीं है और इस ‘अस्थायी दौर’ से टीम जल्दी ही उबर जायेगी। तीनों प्रारूपों से विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद कार्यवाहक कप्तान केएल राहुल के साथ भारतीय टीम को वनडे सीरीज में 0-3 से पराजय झेलनी पड़ी।

इसके पहले टेस्ट श्रृंखला में उसे 1 . 2 से पराजय मिली। शास्त्री ने यहां लीजेंड्स लीग क्रिकेट में कहा ,‘एक सीरीज हारने के बाद लोग आलोचना करने लगते हैं। आप हर मैच नहीं जीत सकते। जीत . हार चलती रहती है।’ पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो गया था । शास्त्री ने कहा कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला की एक गेंद भी नहीं देखी लेकिन उन्होंने यह मानने से इनकार किया कि टीम के प्रदर्शन के स्तर में गिरावट आई है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ अचानक प्रदर्शन कैसे गिर सकता है । पांच साल तक आप दुनिया की नंबर एक टीम रहे हैं ।’’ शास्त्री ने कहा कि चिंता की कोई जरूरत नहीं है और यह नाकामी एक अस्थायी दौर है । उन्होंने कहा ,‘‘ पिछले पांच साल से जीत का अनुपात 65 प्रतिशत रहा है तो चिंता की क्या बात है । विरोधी टीमों को चिंता करनी चाहिये ।’ कोहली ने टेस्ट श्रृंखला में हार के एक दिन बाद टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया । शास्त्री ने कहा कि यह व्यक्तिगत निर्णय है और ऐसे फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिये ।

उन्होंने कहा ,‘‘ यह उसका फैसला है । उसके फैसले का सम्मान किया जाना चाहिये । हर चीज का एक समय होता है । अतीत में भी कई बड़े खिलाड़ियों ने अपनी बल्लेबाजी पर फोकस करने के लिये कप्तानी छोड़ी है । चाहे सचिन तेंदुलकर हों, सुनील गावस्कर या एम एस धोनी और अब विराट कोहली ।’’ यह पूछने पर कि कप्तानी प्रकरण के बाद क्या उनके शारीरिक हाव भाव बदल गए हैं , शास्त्री ने कहा ,‘‘ मैने इस श्रृंखला की एक गेंद भी नहीं देखी लेकिन मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली में बहुत बदलाव आयेगा ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैने सात साल बाद क्रिकेट से ब्रेक लिया है । एक बात तो तय है कि मैं सार्वजनिक तौर पर आपसी मतभेदों के बारे में बात नहीं करता । जिस दिन मेरा कार्यकाल समाप्त हुआ, उसी दिन से मैने साफ कर दिया था कि मैं सार्वजनिक मंच पर अपने खिलाड़ियों के बारे में बात नहीं करूंगा ।’’

कोहली 68 में से 40 टेस्ट जीतकर भारत के सफलतम टेस्ट कप्तान रहे लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में उनकी कप्तानी में भारतीय टीम कोई आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी। शास्त्री ने कहा कि एक कप्तान का आकलन इस आधार पर नहीं होना चाहिये । उन्होंने कहा ,‘‘कई बड़े खिलाड़ियों ने विश्व कप नहीं जीता । इससे क्या हुआ । सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले ने भी नहीं जीता तो क्या उन्हें खराब खिलाड़ी कहेंगे ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘हमारे पास कितने विश्व कप विजेता कप्तान हैं ।

सचिन तेंदुलकर ने छह विश्व कप खेलने के बाद जीता। आखिर में आपका आकलन आपके खेल और खेल के दूत के रूप में भूमिका से होता है । आपने कितनी ईमानदारी से खेला और कितने लंबे समय तक खेला ।’’ कप्तानी के मसले पर बीसीसीआई से कोहली की ठनने के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ संवाद महत्वपूर्ण है । मुझे नहीं पता कि उनके बीच क्या बात हुई । मैं उसका हिस्सा नहीं था । दोनों पक्षों से बात किये बिना मैं कुछ नहीं कह सकता । सूचना के अभाव में मुंह बंद रखना ही अच्छा होता है ।’’

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