पोलाक ने गेंद दी तो लगा जैसे लकवा मार गया, सचिन तेंदुलकर के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी को याद कर बोले मोर्ने मॉर्कल

दक्षिण अफ्रिका के तेज गेंदबाज मोर्ने मॉर्कल ने एक लाइव कार्यक्रम के दौरान सचिन तेंदुलकर के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी करने का अनुभव साझा किया।

By अनिल शर्मा | Published: December 28, 2021 11:39 AM2021-12-28T11:39:23+5:302021-12-28T12:25:26+5:30

When pollock gave the ballI felt paralysed morne morkel recall bowling against sachin tendulkar in test debut | पोलाक ने गेंद दी तो लगा जैसे लकवा मार गया, सचिन तेंदुलकर के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी को याद कर बोले मोर्ने मॉर्कल

पोलाक ने गेंद दी तो लगा जैसे लकवा मार गया, सचिन तेंदुलकर के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी को याद कर बोले मोर्ने मॉर्कल

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Highlightsदक्षिण अफ्रिका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मॉर्कल ने 2006 में अपने टेस्ट डेब्यू किया थामॉर्कल ने अपना पहला ओवर सचिन तेंदुलकर के खिलाफ किया थामोर्कल ने 83 मैचों के अपने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट करियर में 294 विकेट हासिल किए

नई दिल्लीः क्रिकेट के भगवान कहे जानेवाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से हर किसी गेंदबाज को डर लगता था। पेसर गेंदबाज हो या फिर स्पिनर हर किसी का एक जैसा हाल रहता था। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने तो एक बार कहा था कि उन्हें सपने में भी सचिन तेंदुलकर से डर लगता था। इस बीच दक्षिण अफ्रिका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मॉर्कल ने एक लाइव कार्यक्रम के दौरान सचिन तेंदुलकर के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी करने का अनुभव साझा किया।

मोर्ने मॉर्कल ने 2006 में अपने टेस्ट डेब्यू पर सचिन तेंदुलकर के खिलाफ पहली बार गेंदबाजी की थी। मोर्कल ने बायजू के क्रिकेट लाइव पर कहा कि जब कप्तान पोली (शॉन पोलक) ने मुझे गेंद दी तो ऐसा लगा जैसे मुझे लकवा मार गया हो। मॉर्कल ने इस मैत में 3 विकेट झटके थे। 

बकौल मॉर्कल, "मैं आपको बताऊंगा क्या। जब मैंने 2006 में पदार्पण किया था ... मैंने अपना पहला ओवर सचिन को फेंका था। मुझे याद है कि पोली (शॉन पोलक) ने मुझे गेंद दी थी तो ऐसा लग रहा था मानो मुझे लकवा मार गया हो।''

मॉर्कल ने आगे कहा, मैंने सोचा कि ठीक है 'मुझे करना होगा। इस गेंद को फेंको। 2010 में उनके खिलाफ खेलने का मौका मिला।  यह एक टेस्ट मैच था जहां पहले दिन बहुत बारिश हुई थी। भारत 130 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था।''

बता दें मोर्न मॉर्कल और डेल स्टेन (Dale Steyn) की तेज रफ्तार गेंदबाजी के आगे भारतीय बल्लेबाजी बिखर गई। पहली पारी में सिर्फ 136 रन पर ही टीम ढेर हो गई थी। सचिन ने 111 रन की नाबाज पारी खेली थी। और ये उनका 50वां शतक था। हालांकि ये टेस्ट भारत बुरी तरह हार गया था।

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