'भारत दुनिया को हरा सकता है, ये मानसिकता सौरव गांगुली के जमाने में आई' - पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज

2013 चैंपियंस ट्राफी के फाइनल को याद करते हुए हफीज ने कहा, "श्रीलंका और टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार इंग्लैंड को हराने के बाद ड्रेसिंग रूम में काफी मजबूत भावना थी कि हम दुनिया की किसी भी टीम से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत 280 से 300 के बीच आसानी से पीछा कर रहा था और इसलिए हमने इसे तोड़ने का फैसला किया। हमने उन्हें 339 रन का टारगेट दिया था। हमने उनके दिमाग में जो 40 रन का दबाव डाला, वह काफी काम आया।

By शिवेंद्र कुमार राय | Published: March 18, 2023 05:15 PM2023-03-18T17:15:30+5:302023-03-18T17:17:26+5:30

India can beat world, this mindset came during Sourav Ganguly's era Mohammad Hafeez | 'भारत दुनिया को हरा सकता है, ये मानसिकता सौरव गांगुली के जमाने में आई' - पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज

सौरव गांगुली (फाइल फोटो)

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Highlightsगांगुली के जमाने में यह मानसिकता विकसित हुई थी कि वे दुनिया को हरा सकते हैं- हफीजइसका एक बेहतर संस्करण धोनी की कप्तानी के दौरान देखा गया - हफीजकोहली ने भारतीय टीम को और ज्यादा आक्रामक बनाया- हफीज

नई दिल्ली: पाकिस्तान के हरफनमौला खिलाड़ी और पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज ने अपने करियर में तीन भारतीय कप्तानों सौरव गांगुली, एसएस धोनी और विराट कोहली के खिलाफ क्रिकेट खेला। मोहम्मद हफीज ने इन तीनों पूर्व भारतीय कप्तानों के तौर तरीकों और मैदान पर उनकी नेतृत्व क्षमता को बहुत करीब से देखा है। अब हफीज ने बताया है कि भारतीय क्रिकेट को उंचाइयों पर ले जाने में  सौरव गांगुली, एसएस धोनी और विराट कोहली की क्या और कैसी भूमिका रही है।

हिदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए हफीज ने कहा, "गांगुली के जमाने में यह मानसिकता विकसित हुई थी कि वे दुनिया को हरा सकते हैं। सच कहूं तो पाकिस्‍तान में अतीत में ऐसा होता था। हमारे पास एक ऐसी टीम थी जो दुनिया के किसी भी स्थान पर जा सकती थी, प्रतिद्वंद्वी की आंखों में देख सकती थी और आक्रामक क्रिकेट खेल सकती थी। भारत में, वह एहसास गांगुली युग में ही आया था। इसका एक बेहतर संस्करण धोनी की कप्तानी के दौरान देखा गया था और जो वर्षों तक जारी रहा और भारत को किसी भी श्रृंखला या टूर्नामेंट में सबसे पसंदीदा टीमों में से एक माना जाता था।"

यह पूछे जाने पर कि भारत और पाकिस्तान के खेला गया उनका सबसे यादगार मैच कौन सा है, हफीज ने कहा, "भारत बनाम पाकिस्तान का हर मैच यादगार होता है। आप हारें या जीतें, मैच का हिस्सा बनने का अनुभव बिल्कुल अलग होता है। जब आप मैच जीतते हैं तो आपकी तारीफ होती है और हारने पर प्रशंसक जोश के साथ अपना गुस्सा जाहिर करते हैं। लेकिन जो मुझे याद है वह थी बेंगलुरू की पारी (44 गेंद में 61 रन और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए) जिसके बाद हम जीते थे - 2012 में टी20 मैच। पिन ड्रॉप साइलेंस था। मुझे यह विशद रूप से याद है और मैं इसे फिर से महसूस करना चाहता हूं। क्‍योंकि जब भारत में भारत बनाम पाकिस्‍तान का मैच होता है और हम अच्‍छा प्रदर्शन करते हैं, खचाखच भरा स्‍टेडियम खामोश हो जाता है, तो मुझे वह सबसे ज्‍यादा पसंद आया।"

2013 चैंपियंस ट्राफी के फाइनल को याद करते हुए हफीज ने कहा, "श्रीलंका और टूर्नामेंट में प्रबल दावेदार इंग्लैंड को हराने के बाद ड्रेसिंग रूम में काफी मजबूत भावना थी कि हम दुनिया की किसी भी टीम से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। भारत 280 से 300 के बीच आसानी से पीछा कर रहा था और इसलिए हमने इसे तोड़ने का फैसला किया। हमने उन्हें 339 रन का टारगेट दिया था। हमने उनके दिमाग में जो 40 रन का दबाव डाला, वह काफी काम आया। जब मोहम्मद आमेर ने भारत 280 से 300 के बीच आसानी से पीछा कर रहा था और इसलिए हमने इसे तोड़ने का फैसला किया। हमने उन्हें 339 रन का टारगेट दिया था। हमने उनके दिमाग में जो 40 रन का दबाव डाला, वह काफी काम आया। हार्दिक पांड्या ने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन यह उस दिन काम नहीं आया।"

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