Sachin Tendulkar Birthday: सचिन तेंदुलकर की 10 शानदार पारियां, चेन्नई से शारजाह और सिडनी तक छोड़ी अपनी छाप

Sachin Tendulkar Birthday: सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को मुंबई में हुआ था। महज 16 साल की उम्र में अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत करने वाले सचिन के नाम आज भी कई रिकॉर्ड हैं।

By विनीत कुमार | Published: April 24, 2022 07:44 AM2022-04-24T07:44:54+5:302022-04-24T07:56:57+5:30

sachin tendulkar top 10 best innings in cricket history | Sachin Tendulkar Birthday: सचिन तेंदुलकर की 10 शानदार पारियां, चेन्नई से शारजाह और सिडनी तक छोड़ी अपनी छाप

सचिन तेंदुलकर का आज बर्थडे है (फाइल फोटो)

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Highlightsसचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ, 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल करियर की शुरुआतसचिन के नाम आज इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक, 34 हजार से ज्यादा रन और कई रिकॉर्ड।सचिन का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर करीब 24 साल का रहा, कई फैंस उन्हें कहते हैं- 'क्रिकेट का भगवान'

नई दिल्ली: महानतम बल्लेबाजों में शुमार सचिन तेंदुलकर के खेल की कमी पुराने फैंस आज भी क्रिकेट के मैदान पर महसूस करते हैं। सचिन ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी हुए जिनके बारे में जितना कहा जाए वह कम होगा। सचिन उस समय उभरे जब भारत सहित पूरी दुनिया में क्रिकेट का लाइव प्रसारण सुलभ हो चुका था। ऐसे में उनका खेल करोड़ो क्रिकेट फैंस तक पहुंचा और जिसने भी देखा, सचिन उसके दिल में उतर गए।

इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक, 34 हजार से ज्यादा रन और कई रिकॉर्ड, ये वो बातें हैं जो उन्हें महान खिलाड़ी की श्रेणी में लाकर रखते हैं। कई फैंस तो उन्हें 'क्रिकेट का भगवान' कहते हैं। 1989 में अपना क्रिकेट करियर शुरू करने के बाद 2013 में संन्यास तक 24 सालों के लंबे दौर में सचिन ने क्रिकेट की दुनिया में राज किया। 

साल 1973 में 24 अप्रैल के दिन सचिन का मुंबई में जन्म हुआ था। अपने करियर में सचिन ने वैसे तो कई बेहतरीन पारियां खेली हैं लेकिन उनमें से कुछ पारियां बेहद खास हैं। आइए एक नजर डालते हैं सचिन की ऐसी ही टॉप-10 पारियों पर।

1. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 114 रन (पर्थ टेस्ट, 1992): 19 साल की उम्र में सचिन ने दुनिया की सबसे तेज पिच माने जाने वाली पर्थ की विकेट पर क्रेग मैक्डरमाड और मर्व ह्यूज जैसे घातक गेंदबाजों के सामने एक निडर पारी खेली। सचिन ने 161 गेंदों में 16 चौकों की मदद से 114 रन की शानदार पारी खेली। अपने आखिरी 50 रन तो उन्होंने महज 55 गेंदों में ही बना दिए थे।

2. पाकिस्तान के खिलाफ 136 रन (चेन्नई टेस्ट, 1999): पाकिस्तान टीम के भारत के दौरे के पहले मैच में टीम इंडिया के लिए वसीम अकरम और वकार यूनिस को खेलना मुश्किल हो रहा था। पहली पारी में सकलैन मुश्ताक ने सचिन को डक पर आउट कर दिया था। चौथे दिन टीम इंडिया 271 रन के जवाब में 82 रन पर 5 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। आखिरी दिन सचिन ने पीठ में दर्द से जूझते हुए 136 रन की लाजवाब पारी खेली। लेकिन लक्ष्य से 17 रनकी दूरी पर वह आउट हो गए और आखिर में भारत ये मैच 12 रन से हार गया. इस पारी को सचिन की सबसे महान पारियों में से गिना जाता है।

3. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 169 रन (केप टाउन, 1997): दक्षिण अफ्रीका के पहली पारी के 529 रन के जवाब में भारतीय टीम 58 रन पर 5 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी। इसके बाद सचिन ने मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर काउंटर अटैक करते हुए डोनाल्ड और पोलाक की खतरनाक पेस बैटकी को बेदम कर दिया। इन दोनों ने छठे विकेट के लिए 222 रन जोरदार साझेदारी करते हुए भारत को फॉलो ऑन से बचाया। सचिन ने 254 गेंदों में 26 चौकों की मदद से 169 रन लाजवाब पारी खेली। अजहरुद्दीन ने 115 रन की कप्तानी पारी खेली।

4. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 241 रन (सिडनी टेस्ट, 2004): इस पारी से पहले उस दौरे में सचिन बुरी तरह फ्लॉप रहे थे और लगातार ऑफ स्टंप के बाहर आउट हो रहे थे। इस मैच से पहले वह तीन टेस्ट मैचों में तीन बार डक पर आउट हो चुके थे। इसलिए अपने इस दोहरे शतक में सचिन ने ऑफ साइड में न के बराबर शॉट खेले और खासकर अपने कवर ड्राइव पर अंकुश लगाकर रखा। सचिन ने अपने 33 में से 28 चौके और 188 रन सिर्फ लेग साइड से बनाए। वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने सचिन की इस अनुशासित पारी की जमकर तारीफ की थी।  

5. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 146 रन (केप टाउन, 2011): तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर थी और तीसरे टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के पहली पारी के 362 रन के जवाब में टीम इंडिया 28 रन पर 2 विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी और डेल स्टेन आग उगलता हुआ स्पैल फेंक रहे थे। लेकिन सचिन ने एक तरफ से मोर्चा संभाला और अपना 51वां टेस्ट शतक जड़ते हुए 146 रन की जोरदार पारी खेलते हुए भारत को दक्षिण अफ्रीका पर पहली पारी की बढ़त दिला दी। संयोग से ये सचिन के करियर का आखिरी शतक साबित हुआ। इस मैच को ड्रॉ कराकर भारत ने 3 मैचों की सीरीज 1-1 से ड्रॉ करा ली। 

6. पाकिस्तान के खिलाफ 75 गेंदों में 98 रन, सेंचुरियन (1 मार्च 2003, वर्ल्ड कप): इस मैच में सचिन ने पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों की स्टार जोड़ी शोएब अख्तर, वसीम अकरम, वकार यूनिस की गेंदबाजी की बखिया उधेड़ कर रखी दी। खासकर अख्तर की गेंद पर अपर कट से थर्ड मैन के ऊपर लगाया गया उनका छक्का हमेशा याद किया जाएगा। सचिन की इस धमाकेदार पारी की बदौलत भारत ने पाकिस्तान को आसानी से 6 विकेट से हरा दिया। (और पढ़ें- सचिन 24 अप्रैल को अपने बर्थडे पर करेंगे फैंस से चैट, आप भी मास्टर ब्लास्टर से कर सकते हैं बात)

7. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 131 गेंदों में 143 रन, शारजाह (22 अप्रैल 1998):  महज 25 साल की उम्र में सचिन ने अपनी दमदार बैटिंग से ऑस्ट्रेलियाई टीम की मजबूत गेंदबाजी की धज्जियां उड़ाकर रख दी थीं। सचिन ने एकतरफ गिरते भारतीय विकेटों के बीच महज 131 गेंदों में 143 रन की जोरदार पारी खेलते हुए भारत को त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में पहुंचा दिया था।

8. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 141 गेंदों में 175 रन, हैदराबाद (5 नवंबर 2009): इस पारी को सचिन के वनडे करियर की सबसे यादगार पारियों में से एक माना जाता है। 351 रन के लक्ष्य के सामने जब बाकी के भारतीय बल्लेबाज फ्लॉप रहे तो सचिन ने एक छोर से अकेले ही कंगारुओं के खिलाफ हमला बोला. हालांकि जीत से महज 17 रन दूर सचिन के आउट होने से भारत ये मैच 3 रन से हार गया।

9. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 147 गेंदों में 200 रन, ग्वालियर (24 फरवरी 2010): सचिन की इस पारी से पहले शायद ही किसी ने सोचा होगा कि कोई बल्लेबाज वनडे क्रिकेट में भी दोहरा शतक जमा सकता है। लेकिन सचिन ने ये करिश्मा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कर दिखाया और महज 147 गेंदों में 200 रन की शानदार पारी खेलते हुए वनडे क्रिकेट का पहला दोहरा शतक अपने नाम कर लिया।

10. न्यूजीलैंड के खिलाफ 49 गेंदों में 82 रन, ऑकलैंड (1994): इस मैच में नियमित ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू के फिट न होने की वजह से सचिन को ओपनर के तौर पर उतारा गया। सचिन ने महज 49 गेंदों में 82 रन की धुआंधार पारी खेलते हुए टीम इंडिया को एक नया ओपनर दे दिया। इस मैच के बाद से वह टीम इंडिया के नियमित ओपनर बन गए और वनडे इतिहास के सबसे कामयाब ओपनर बन गए।

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