लुलु मॉल नमाज विवाद: मॉल को शुद्ध करने पहुंच अयोध्या के परमहंस, पुलिस ने रोका तो कहा- दूर हटो छुओ मत, वीडियो हुआ वायरल
By अनिल शर्मा | Published: July 20, 2022 09:13 AM2022-07-20T09:13:27+5:302022-07-20T09:16:25+5:30
नमाज पढ़ने के आरोप में, जैसा कि 12 जुलाई को वायरल वीडियो में दर्ज है, 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वे लखनऊ के मोहम्मद रेहान, लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी के आतिफ खान और लहरपुर, सीतापुर के दो भाई, मोहम्मद लोकमन अली और मोहम्मद नोमान अली हैं।
लखनऊः यहां के लुलु मॉल में नमाज अदा करने के आरोप में मंगलवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि इसपर भी विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोगों ने दावा किया कि हिंदू पुरुषों को मुस्लिम के रूप में पेश किया गया और उन्हें गिरफ्तार किया गया। इन विवादों पर लखनऊ पुलिस आयुक्तालय ने दावा किया ये सब झूठ है। गिरफ्तारियों के बारे में गलत सूचना मिली है। कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि गिरफ्तारियां नमाज अदा करने और हनुमान चालीसा का जाप करने के संबंध में हुई हैं।
गिरफ्तार लोगों के नाम पर विवाद
पुलिस ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि सरोज नाथ योगी, कृष्ण कुमार पाठक और गौरव गोस्वामी को 15 जुलाई को मॉल के अंदर हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अरशद अली उसी दिन गिरफ्तार किया गया एक अन्य व्यक्ति था जो मॉल के अंदर नमाज अदा करने की कोशिश कर रहा था। पुलिस ने स्पष्ट किया कि इनमें से कोई भी व्यक्ति उस वीडियो में नहीं था जो सबसे पहले वायरल हुआ था।
नमाज पढ़ने के आरोप में, जैसा कि 12 जुलाई को वायरल वीडियो में दर्ज है, 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वे लखनऊ के मोहम्मद रेहान, लखीमपुर खीरी जिले के मोहम्मदी के आतिफ खान और लहरपुर, सीतापुर के दो भाई, मोहम्मद लोकमन अली और मोहम्मद नोमान अली हैं।
सोशल मीडिया पर लू-लू मॉल प्रकरण के सम्बन्ध में कुछ युवकों का नाम लेकर भ्रामक खबरें प्रसारित की जा रही है, जो कि पूर्णतया असत्य है ।
— POLICE COMMISSIONERATE LUCKNOW (@lkopolice) July 18, 2022
लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस इस भ्रामक खबर का पूर्ण रूप से खण्डन करती है।@Uppolicepic.twitter.com/KREhWwnAZu
परमहंस का वीडियो वायरल
इस बीच अयोध्या के परमहंस दास का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह पुलिस वालों के साथ बहस करते दिखाई दे रहे हैं। खबर के मुताबिक परमहंस को मंगलवार को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया। क्योंकि वह 12 जुलाई को नमाज अदा करने के बाद इलाके को शुद्ध करने के लिए लुलु मॉल पहुंचे थे। वीडियो में पुलिस कर्मियों से उनको बहस करते देखा जा सकता है। वह पुलिसवालों से दूर रहने को कहते हैं। परमहंस दास ने बाद में आरोप लगाया, "चूंकि मैंने भगवा कपड़े पहना हूं, इसलिए पुलिस ने मुझे मॉल में प्रवेश नहीं करने दिया।"
Acharya Paramhans arrived to purify the place where Namaz was offered in Lulu Mall pic.twitter.com/so8fp8KXCp
— Vikas (@VikasPronamo) July 19, 2022
आदित्यनाथ का कड़ा संदेश
बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ प्रशासन से गंभीर कदम उठाने को कहा, जिसके बाद मंगलवार को चारों को गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देने वाले लुलु मॉल को राजनीतिक केंद्र में बदल दिया गया है। कुछ खास लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं। मॉल में आने वाले लोगों की आवाजाही में बाधा डालने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।''
लुलु मॉल ने जारी किया बयान
लुलु मॉल ने पहले स्पष्ट किया था कि परिसर के अंदर किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है और उसी का उल्लेख करते हुए नोटिस बोर्ड लगाए हैं। विवादों के बीच कि मॉल के अधिकांश कर्मचारी मुस्लिम हैं क्योंकि मॉल का स्वामित्व भारतीय मूल के मुस्लिम अरबपति के पास है, मॉल के अधिकारियों ने एक नया बयान दिया और कहा कि इसके 80% से अधिक कर्मचारी हिंदू हैं। “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए हमारी संस्था को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे कर्मचारियों में स्थानीय निवासी और यूपी और देश भर के लोग शामिल हैं। इनमें से 80 प्रतिशत से अधिक हिंदू हैं, बाकी मुस्लिम, ईसाई और अन्य हैं। हमारे संगठन में किसी को भी कोई धार्मिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं है।