दिल्ली में गर्मी बढ़ी, अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया

By संदीप दाहिमा | Published: May 12, 2023 09:16 PM2023-05-12T21:16:08+5:302023-05-12T21:22:01+5:30

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दिल्ली में शुक्रवार गर्मी बढ़ने के साथ लोगों को चिलचिलाती धूप का सामना करना पड़ा और इस दौरान अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का उच्चतम तापमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। दिल्ली में आईएमडी के क्षेत्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि यह इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक तापमान है। मौसम विभाग ने शनिवार को भी इसी तरह की स्थिति कायम रहने का अनुमान जताया है।

उन्होंने कहा कि अलग-अलग स्थानों पर ‘लू’ चलने की उम्मीद है। हालांकि, एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में धूल भरी आंधी और आसमान में बादल छाए रहने से शनिवार शाम से कुछ राहत मिल सकती है। दिल्ली का प्राथमिक मौसम केंद्र ‘सफदरजंग वेधशाला’ ने अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में नजफगढ़ सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

पूसा, जाफरपुर और पीतमपुरा में क्रमश: 43, 43.1 और 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन भर आसमान साफ ​​रहा और न्यूनतम तापमान 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से छह डिग्री कम है। इस बीच, आद्रता 77 से 18 प्रतिशत के बीच रही। मौसम कार्यालय ने शनिवार शाम और रात में धूल भरी आंधी चलने की संभावना के साथ आंशिक रूप से आसमान आस रहने का अनुमान जताया है। इसने कहा, “अधिकतम और न्यूनतम तापमान के क्रमश: 43 और 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।” दिल्ली का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ श्रेणी में 227 दर्ज किया गया। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

शहर में 21 अप्रैल से सात मई के बीच बादल छाए रहे और छिटपुट बारिश हुई, जो साल के इन महीनों में दुर्लभ ही होती है। ऐतिहासिक रूप से, मई दिल्ली में सबसे गर्म महीना रहता है और इस दौरान औसत अधिकतम तापमान 39.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाता है। अधिकारी मौसम में बदलाव कारण एक के बाद एक आए पश्चिमी विक्षोभ को बताते हैं। पश्चिमी विक्षोभ मौसम की ऐसी प्रणालियां हैं जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होती हैं और उत्तर-पश्चिमी भारत में बेमौसम बारिश लाती हैं। श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘उत्तर पश्चिमी भारत में 21-22 अप्रैल से तीन से चार पश्चिमी विक्षोभ आए हैं। इस दौरान दिल्ली में एक भी दिन ‘लू’ नहीं चली। यह दुर्लभ है, लेकिन हम आंकड़ों का अभाव होने के कारण इसे जलवायु परिवर्तन से नहीं जोड़ सकते।’’ दिल्ली में पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार की सुबह मौसम का कुछ अलग ही रंग देखने को मिला था। सामान्य तौर पर इन दिनों भीषण गर्म हवाओं की चपेट में रहने वाली दिल्ली सुबह के समय कोहरे की हल्की चादर में लिपटी नजर आई थी। न्यूनतम तापमान गत बृहस्पतिवार को 15.8 डिग्री सेल्सियस था और यह मौसम संबंधी आंकड़ों का संग्रह शुरू किए जाने के पश्चात 1901 के बाद मई में तीसरी सबसे सर्द सुबह थी। दिल्ली में 2022 में अप्रैल का महीना 1951 के बाद से सबसे गर्म महीना था और इस दौरान मासिक औसत अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।