मिहिरभोज की जाति पर बवालः राजपूतों की सीएम योगी को चेतावनी- जाति बदला तो होगा बुरा परिणाम; बीजेपी के खिलाफ चलाया हैशटैग
By अनिल शर्मा | Published: September 19, 2021 10:43 AM2021-09-19T10:43:44+5:302021-09-19T10:53:21+5:30
गौरतलब है कि राजा मिहिर भोज ने 836 से 885 ईसवी तक शासन किया था। उनको गुर्जर प्रतिहार वंश का राजा माना जाता है। जिसपर राजपूतों ने दावा किया है कि प्रतिहार जाति क्षत्रिय है ना कि गुर्जर।
दादरीः यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दादरी में गुर्जर समुदाय के सबसे सम्मानित राजा मिहिरभोज की प्रतिमा का अनावरण कर पश्चिमी यूपी के सबसे प्रभावशाली जातियों में से एक गुर्जरों के वोटों को साधने की तैयारी में हैं। लेकिन प्रतिमा अनावरण से पहले ही मिहिरभोज की जाति को लेकर बवाल खड़ा हो गया है।
एक तरफ मिहिरभोज की जाति को लेकर राजपूत और गुर्जर आमने-सामने हैं। तो वहीं सोशल मीडिया पर राजपूतों द्वारा बीजेपी को जातिवादी बताकर बॉयकॉट किया जा रहा है। राजपूतों ने ट्विटर पर #Rajputs_Boycott_Bjp चला रखा है जो फिलहाल ट्रेंडिंग पर है। राजपूतों का कहना है कि मिहिरभोज एक राजपूत थे ना कि गुर्जर। राजपूत समुदाय ने मिहिरभोज को अपना पूर्वज बताया।
ट्विटर पर राजपूत ऑफ इंडिया नाम के ट्विटर यूजर ने योगी सरकार को चेतावनी दी है कि उनके राजा को किसी और जाति का बनाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। यूजर ने जालौर किले का शिलालेख की तस्वीर साझा करते हुए लिखा- राजपूत सम्राट मिहिरभोज राजपूत जाति से हैं, सरकार को उन्हें किसी अन्य जाति का बनाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए, अन्यथा परिणाम सही नहीं होगा।
राजपूत सम्राट मिहिरभोज is from Rajput caste, the government should not dare to make him of any other caste, otherwise the result will not be right.#जातिवादी_बीजेपी#Rajputs_Boycott_Bjp@BJP4UP@BJP4INDIA@narendramodi@myogiadityanathpic.twitter.com/79TlGlrzTB
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) September 19, 2021
वहीं Kshatriya Monarchy नाम के यूजर ने अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की प्रेसविज्ञप्ति को साझा करते हुए लिखा- आज इसी प्रवृत्ति के माध्यम से राजपूत समाज भाजपा को केवल यह बताना चाहता है कि यदि योगी आदित्यनाथ 22 सितंबर को दादरी में सम्राट मिहिरभोज जी की प्रतिमा का अनावरण करने जाते हैं तो आगामी 2022 के चुनावों में भाजपा की हार होगी।
#Rajputs_Boycott_Bjp
— Kshatriya Monarchy (@__kshatriya) September 19, 2021
Today, through this trend, Rajput society just wants to tell BJP that if Yogi Adityanath goes to unveil the statue of emperor Mihirbhoj ji in Dadri on 22nd September then BJP will lose in the upcoming 2022 up elections.@myogiadityanath@CMOfficeUPpic.twitter.com/tZHOVIUIZr
राजपूत ऑफ इंडिय के यूजर ने इसको लेकर कई ट्वीट किए हैं और प्रतिहार या परिहार जाति को क्षत्रिय बताया है। उसने लिखा- गुर्जर बिरादरी के कुछ वोटों के लिए राजपूत इतिहास में दखल देकर सरकार 22 सितंबर को राजपूत समाज की आधारशिला रखने जा रही है। इसने राजपूत समाज की भावना को आहत किया है और राजपूत इसका विरोध करते हैं।
The government is going to lay the foundation stone of राजपूतसम्राटमिहिरभोज memorial on september 22, by interfering in the Rajput history for a few votes of the gujjar fraternity, it has hurt the spirit of the Rajput society and the Rajputs opposes it.#Rajputs_Boycott_Bjppic.twitter.com/Ux7s59X5wX
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) September 19, 2021
गौरतलब है कि राजा मिहिर भोज ने 836 से 885 ईसवी तक शासन किया था। उनको गुर्जर प्रतिहार वंश का राजा माना जाता है। जिसपर राजपूतों ने दावा किया है कि प्रतिहार जाति क्षत्रिय है ना कि गुर्जर। वहीं गुर्जर समुदाय राजा मिहिर भोज को अपना पूर्वज मानते हैं और उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। मिहिर भोज पराक्रमी राजा थे इसके साथ ही वे 'धर्म परायणता' भी ते। उनको धर्म रक्षक बताया गया है। अरब यात्री सुलेमान ने भारत यात्रा वृत्तांत में सम्राट मिहिर भोज को इस्लाम का सबसे बड़ा शत्रु बताया है। सीएम योगी 22 सितंबर को मिहिरभोज की प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं। दादरी के आस-पास मिहिरभोज के नाम पर गुर्जर समुदाय के 6 शैक्षिक संस्थान हैं।